कवि सम्मेलनों के मंच पर अपनी अपनी विधा में कवि अनुभव शर्मा का कोई सानी नहीं है। देश के चुनिंदा मंच संचालकों में अनुभव शर्मा शुमार करते हैं। अनुभव शर्मा देश के उच्चकोटि के कवियों में गिने जाते हैं जिनकी उपस्थिति ही मंच को गरिमा प्रदत्त कर देती है। आइये एक भेंट करते हैं ऐसे शानदार कवि से.…।
3 October 2018
19 August 2018
एक नारा - कवि अनुभव शर्मा
एक नारा
कहा जाता है तिसरा विश्व युद्ध पानी की वजह से ही होगा |
और अब कि स्थिति देखते हुए कहा जा सकता है कि आने वाले दिनों में पानी की कमी इतनी हो जाएगी कि पानी तिजोरी में रखा जाने लगेगा | उसी स्थिति पर आधारित मेरी छोटी सी कविता प्रस्तुत है |
अनुभव शर्मा ने दिया है,
हमे एक नारा|
तुम मुझे खून दो,
हो... हो... हो...
तुम मुझे खून दो,
में दूँगा पानी का प्याला |
तब लोगो ने कहा कि,
हो... हो... हो....
तब लोगो ने कहा कि,
तुम दे दो पानी का प्याला |
चाहे बदले मे ले लो तुम,
हो... हो... हो...
चाहे बदले में ले लो तुम,
खून की रक्तधारा |
17 August 2018
अटल गीत - कवि : अनुभव शर्मा
अटल गीत
आज दर्द बड़ा है और मेरा ये दिल छोटा पड़ गया है।
भारत के बाग़ का सबसे बेहतरीन फूल झड़ गया है।
हर सांस आज जख्मी है लफ्ज भी घायल पड़े हैं।
आज बहने से रोको ना नैना भी जिद पर अड़े हैं।
कैसा दुर्भाग्य मेरे देश का कोई तुमसा ना बन पाया।
तुमसी साफ़ सुथरी राजनीति को किसी ने ना अपनाया।
अटल जी हमेशा अटल रहे अपनी अटल बातों पर।
पाकिस्तान को हमेशा रखा इन्होंने अपनी लातों पर।
इतना अंबर भी ना बरसेगा जितनी आँख बरस रही हैं।
मेरे भारत की रूह आज अटल जी के लिए तरस रही है।
मुझे नही लगता कोई इतने बड़े कीर्तिमान को छूलेगा।
हिदुस्तान आपके योगदान को कभी भी नही भूलेगा।
मैं चाहूँगा मेरा जितनी बार जन्म हो आप प्रधानमंत्री हों।
13 August 2018
12 August 2018
Yaad Rahegi Dosti Humari....
Likh Deta Hoon Kuch Dosto Ke Liye,
Ki Unhe Umar Lag Jaaye Humari.
Par Ek Sawaal Aaj Bhi Hai,
Kal Humare Jaane ke baad Kya,
Yaad Rahegi Dosti Humari.
=> Kavi Anubhav Sharma
Ki Unhe Umar Lag Jaaye Humari.
Par Ek Sawaal Aaj Bhi Hai,
Kal Humare Jaane ke baad Kya,
Yaad Rahegi Dosti Humari.
=> Kavi Anubhav Sharma
11 August 2018
याद रहेगी दोस्ती हमारी............
✍लिख देता हूं कुछ 👬दोस्तों के लिए,
कि उन्हे उमर लग जाये हमारी |
पर एक 🤔सवाल आज भी है,
कल हमारे जाने के बाद,
क्या 🤔,
याद रहेगी दोस्ती हमारी |
कवि : अनुभव शर्मा
कि उन्हे उमर लग जाये हमारी |
पर एक 🤔सवाल आज भी है,
कल हमारे जाने के बाद,
क्या 🤔,
याद रहेगी दोस्ती हमारी |
कवि : अनुभव शर्मा
18 March 2018
सैनिक के बोल / कवि अनुभव शर्मा
सैनिक के बोल
एक फौजी की तरफ़ से लिखा है
हमें मत छुट्टी दो,
मत भत्ता दो,
बस काम यही अब करने दो,
वेतन आधा कर दो,
लेकिन कुत्तों में गोली भरने दो,
हर हर मोदी घर घर मोदी,
यह नारा सिर के पार गया,
इक दो कौड़ी का जेहादी,
सैनिक को थप्पड़ मार गया,
थप्पड़ खाएं गद्दारों के,
हम इतने भी मजबूर नही,
हम भारत माँ के सैनिक हैं कोई बंधुआ मजदूर नहीं,
अब और नही लाचार करो, हम जीते जी मर जायेंगे,
दर्पण में देख न पाएंगे,
निज वर्दी पर शर्मायेंगे,
या तो कश्मीर उन्हें दे दो,
या आर पार का काम करो,
सेना को दो ज़िम्मेदारी,
तुम दिल्ली में आराम करो,
इस राजनीती ने भव को सरदर्द बनाकर छोड़ा है,
भारत के वीर जवानों को नामर्द बना कर छोड़ा है,
भारत का आँचल स्वच्छ रहे, हम दागी भी हो सकते है,
दिल्ली गर यूँ ही मौन रही, हम बागी भी हो सकते हैं,
✍🐣
हमें मत छुट्टी दो,
मत भत्ता दो,
बस काम यही अब करने दो,
वेतन आधा कर दो,
लेकिन कुत्तों में गोली भरने दो,
हर हर मोदी घर घर मोदी,
यह नारा सिर के पार गया,
इक दो कौड़ी का जेहादी,
सैनिक को थप्पड़ मार गया,
थप्पड़ खाएं गद्दारों के,
हम इतने भी मजबूर नही,
हम भारत माँ के सैनिक हैं कोई बंधुआ मजदूर नहीं,
अब और नही लाचार करो, हम जीते जी मर जायेंगे,
दर्पण में देख न पाएंगे,
निज वर्दी पर शर्मायेंगे,
या तो कश्मीर उन्हें दे दो,
या आर पार का काम करो,
सेना को दो ज़िम्मेदारी,
तुम दिल्ली में आराम करो,
इस राजनीती ने भव को सरदर्द बनाकर छोड़ा है,
भारत के वीर जवानों को नामर्द बना कर छोड़ा है,
भारत का आँचल स्वच्छ रहे, हम दागी भी हो सकते है,
दिल्ली गर यूँ ही मौन रही, हम बागी भी हो सकते हैं,
✍🐣
(एक माँ कश्मीर मे पिटने वाले फौजी बेटे से)
फोन किया माँ ने बेटे को तूने नाक कटाई है,
तेरी बहना से सब कहते बुजदिल तेरा भाई है!
तेरी बहना से सब कहते बुजदिल तेरा भाई है!
ऐसी भी क्या मजबुरी थी ऐसी क्या लाचारी थी,
कुछ कुत्तो की टोली कैसे तुम शेरो पर भारी थी!
वीर शिवा के वंशज थे तुम चाट क्यु ऐसे धुल गए,
हाथो मे हथियार तो थे क्यु उन्हें चलाना भूल गये!
गीदड़ बेटा पैदा कर के मैने कोख लजाई है,
तेरी बहना से सब कहते बुजदिल तेरा भाई है!!
कुछ कुत्तो की टोली कैसे तुम शेरो पर भारी थी!
वीर शिवा के वंशज थे तुम चाट क्यु ऐसे धुल गए,
हाथो मे हथियार तो थे क्यु उन्हें चलाना भूल गये!
गीदड़ बेटा पैदा कर के मैने कोख लजाई है,
तेरी बहना से सब कहते बुजदिल तेरा भाई है!!
(लाचार फौजी अपनी माँ से)
इतना भी कमजोर नही था माँ मेरी मजबुरी थी,
उपर से फरमान यही था चुप्पी बहुत जरूरी थी!
सरकारे ही पिटवाती है हम को इन गद्दारो से,
गोली का आदेश नही है दिल्ली के दरबारो से!
गिन-गिनकर मैं बदले लूँगा कसम ये मैंने खाई है,
तू बहना से कह देना
ना बुजदिल तेरा भाई है!!
उपर से फरमान यही था चुप्पी बहुत जरूरी थी!
सरकारे ही पिटवाती है हम को इन गद्दारो से,
गोली का आदेश नही है दिल्ली के दरबारो से!
गिन-गिनकर मैं बदले लूँगा कसम ये मैंने खाई है,
तू बहना से कह देना
ना बुजदिल तेरा भाई है!!
अनुभव के बोलो का भी ना कोई मोल है,
सारे के सारे नेता भ्रस्तखोर है!!
सारे के सारे नेता भ्रस्तखोर है!!
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