कैसी थी वो रात कुछ कह सकता नहीं मैं
चाहूँ कहना तो बयां कर सकता नहीं मैं ,
दुल्हन बन के मेरी जब वो मेरी बाँहों में आयी थी
सेज सजी थी फूलों की पर उस ने महकाई थी
घूँघट में इक चाँद था और सिर्फ तन्हाई थी
आवाज़ दिल के धड़कने की भी फिर ज़ोर से आयी थी
प्यार से जो मैंने घूँघट चाँद पर से हटाया था
प्यार का रंग भी उतरकर उसके चेहरे पर आया था
बाँहों में ले कर उसको फिर लबो की लाली चुराई थी
उस सर्द रात में साँसे भी शोला बन कर टकराई थी
टिका बिंदी , कंगना , पायल सब ने शोर मचाया था
जब उसके शोख बदन को मैंने हाथ लगाया था ,
डूब गए थे हम दोनों उस दहकती प्यार की आग में
तोड़ दिया था हम ने कलियों को उसके प्यार के बाग़ में
क्या बतलाये अब हम वह रात किस कदर निराली थी
हमारे सुहाग की वो रात ,जो इतनी शोख मतवाली थी
चाहूँ कहना तो बयां कर सकता नहीं मैं ,
दुल्हन बन के मेरी जब वो मेरी बाँहों में आयी थी
सेज सजी थी फूलों की पर उस ने महकाई थी
घूँघट में इक चाँद था और सिर्फ तन्हाई थी
आवाज़ दिल के धड़कने की भी फिर ज़ोर से आयी थी
प्यार से जो मैंने घूँघट चाँद पर से हटाया था
प्यार का रंग भी उतरकर उसके चेहरे पर आया था
बाँहों में ले कर उसको फिर लबो की लाली चुराई थी
उस सर्द रात में साँसे भी शोला बन कर टकराई थी
टिका बिंदी , कंगना , पायल सब ने शोर मचाया था
जब उसके शोख बदन को मैंने हाथ लगाया था ,
डूब गए थे हम दोनों उस दहकती प्यार की आग में
तोड़ दिया था हम ने कलियों को उसके प्यार के बाग़ में
क्या बतलाये अब हम वह रात किस कदर निराली थी
हमारे सुहाग की वो रात ,जो इतनी शोख मतवाली थी
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