पी है शराब हर गली की दुकान से,
दोस्ती सी हो गयी है शराब की जाम से ;
गुज़रे है हम कुछ ऐसे मुकाम से,
की आँखें भर आती है मोहब्बत के नाम से..!
दोस्ती सी हो गयी है शराब की जाम से ;
गुज़रे है हम कुछ ऐसे मुकाम से,
की आँखें भर आती है मोहब्बत के नाम से..!
No comments:
Post a Comment