12 August 2017

अनपढ़ लुगाई



अनपढ़ लुगाई के हाथों

बरबाद हो गया

में तो शादी की

पहली ही रात

देवदास हो गया

मैंने कहा उससे

हाउ आर यू?

जवाब मिला

मैं लालचंद की छोरी हूँ

मैंने पूछा

व्हाट यू फील आफ्टर योआर मैरिज़?

उसने कहा खंडी चोखी

लागे थारी इंग्लिश

प्यार की थी

वो पहली रात

अपनी इंटरओदुच्शन में ही

अपना केस फाइल हो गया

किसी तरह रात गुजरी

और सुबह आई

अनपढों की महारानी

चाय में ऊँगली डाल लायी

मैंने कहा उससे

इतना कष्ट क्यूँ किया

उसने कहा

मैं तुम्हारी अधमरी हूँ

वाह री अर्धांग्नी को

अधमरी कहने वाली

तू मेरी अधमरी

मैं तेरा अधमरा हो गया।

अब तो आदत सी

उसकी हमको हो गई है

कहती है ब्लडीफुल तो

ब्यूटीफुल समझ लेते हैं

वो है बहुमत ख़ुद को

समर्थन में भर लेते है

जिन्दगी है छोटी

न जाने कब क्या हो जाए

है वो अनपढ़

फिर भी मीठी और

सच्ची बातें करती है

लाख पढों लिखों से भला

उस एक अनपढ़ का साथ हो गया ।


कवि :- श्री अनुभव शर्मा 

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