कवि सम्मेलनों के मंच पर अपनी अपनी विधा में कवि अनुभव शर्मा का कोई सानी नहीं है। देश के चुनिंदा मंच संचालकों में अनुभव शर्मा शुमार करते हैं। अनुभव शर्मा देश के उच्चकोटि के कवियों में गिने जाते हैं जिनकी उपस्थिति ही मंच को गरिमा प्रदत्त कर देती है। आइये एक भेंट करते हैं ऐसे शानदार कवि से.…।
23 October 2017
16 October 2017
जाने क्या मुझसे ज़माना चाहता है..........
जाने क्या मुझसे ज़माना चाहता है,
मेरा दिल तोड़कर मुझे ही हसाना चाहता है,
जाने क्या बात झलकती है मेरे इस चेहरे से,
हर शख्स मुझे आज़माना चाहता है
कवि : श्री अनुभव शर्मा
मेरा दिल तोड़कर मुझे ही हसाना चाहता है,
जाने क्या बात झलकती है मेरे इस चेहरे से,
हर शख्स मुझे आज़माना चाहता है
कवि : श्री अनुभव शर्मा
9 October 2017
मैं बता नहीं पाता हूँ........
हाल अपने दिल का, मैं तुम्हें सुना नहीं पाता हूँ..
जो सोचता रहता हूँ हरपल, होंठो तक ला नहीं पाता हूँ..
बेशक बहुत मोहब्बत है, तुम्हारे लिए मेरे इस दिल में..
पर पता नहीं क्यों तुमको, फिर भी मैं बता नहीं पाता हूँ..
कवि : श्री अनुभव शर्मा
जो सोचता रहता हूँ हरपल, होंठो तक ला नहीं पाता हूँ..
बेशक बहुत मोहब्बत है, तुम्हारे लिए मेरे इस दिल में..
पर पता नहीं क्यों तुमको, फिर भी मैं बता नहीं पाता हूँ..
कवि : श्री अनुभव शर्मा
8 October 2017
6 October 2017
5 October 2017
मोहब्बत भी कटी पतंग जैसी.......
मोहब्बत भी कटी पतंग जैसी ही है जनाब,
गिरती वहीं है जिसकी छत बड़ी होती है..
कवि : श्री अनुभव शर्मा
गिरती वहीं है जिसकी छत बड़ी होती है..
कवि : श्री अनुभव शर्मा
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