6 February 2019

ख्वाबों में मेरे वो घर करके बैठी है - कवि अनुभव शर्मा

ख्वाबों में मेरे वो घर करके बैठी है,
मेरे दिल से मुझे बेघर करके बैठी है,
याद रखूं उसे या भूल जाऊँ,
कुछ सलाह दो यारो,
वो मेरे हाथों में जहर देकर गुमसुम बैठी है.

© कवि अनुभव शर्मा


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