नवाबों का शहर हैं लखनऊ,
मुहब्बतों का शहर हैं लखनऊ।
अभी एक ग़ज़ल कह आई हैं,
शायरों का शहर हैं लखनऊ।
- अनुभव शर्मा
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कवि सम्मेलनों के मंच पर अपनी अपनी विधा में कवि अनुभव शर्मा का कोई सानी नहीं है। देश के चुनिंदा मंच संचालकों में अनुभव शर्मा शुमार करते हैं। अनुभव शर्मा देश के उच्चकोटि के कवियों में गिने जाते हैं जिनकी उपस्थिति ही मंच को गरिमा प्रदत्त कर देती है। आइये एक भेंट करते हैं ऐसे शानदार कवि से.…।
देखा जो तुमको मीत तो जमाना भूल गया,
जो सुनाने आया था वो फसाना भूल गया।
तेरी रूह में उतर गया हूँ मैं कुछ इस कदर,
कि तेरे चक्कर मे खुद का साया भूल गया।
यूं तो बड़े चर्चो में है आजकल तेरा आशिक,
पर सच कहूँ मीत तो मैं मुस्कुराना भूल गया।
और कुछ नहीं बदला मीत तेरे जाने के बाद
प्यार करना निभाना और जताना भूल गया।