देखा जो तुमको मीत तो जमाना भूल गया,
जो सुनाने आया था वो फसाना भूल गया।
तेरी रूह में उतर गया हूँ मैं कुछ इस कदर,
कि तेरे चक्कर मे खुद का साया भूल गया।
यूं तो बड़े चर्चो में है आजकल तेरा आशिक,
पर सच कहूँ मीत तो मैं मुस्कुराना भूल गया।
और कुछ नहीं बदला मीत तेरे जाने के बाद
प्यार करना निभाना और जताना भूल गया।
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