13 August 2017

वो मॉडल

एक दिन हमारा दिल एक लड़की पे आया था
था उसका कुछ मॉडल एसा जो हमारी नजरो को भाया था
चलती थी वो कुछ इसे जैसे नागिन चलती है
रूकती थी वो कुछ इसे जैसे छिपकली रंग बदलती है
नजरो से उसके गिरते अंगारे थे
जो देख ले कोई उसको तो डर के मारे मर जाए
भूतनी जैसे कुछ उसके इशारे थे
जो हस्ती थी तो लगता था तूफान है आया
जो चुप होती थी तो लगता था, है चुडेल का साया
मकेउप कुछ उसने अपने थोफ्ह्दे पे इसे लगाया था
आँखों के काजल को होठो पे सजाया था
होठो की लाली को आँखों में बसाया था
गजरा था कुछ उसका एसा जैसे शेरनी की मांड हो
कान और नाक में उसने उंगलियों को लटकाया था
इसी थी वो लड़की जिसने टोना अपना हम पे चलाया था
एक बदनसीब में ही बचा था जो उसके काबू में आया था

कवि :- श्री अनुभव शर्मा

No comments:

Post a Comment

Search This Blog