Kavi Anubhav Sharma (कवि अनुभव शर्मा)

कवि सम्मेलनों के मंच पर अपनी अपनी विधा में कवि अनुभव शर्मा का कोई सानी नहीं है। देश के चुनिंदा मंच संचालकों में अनुभव शर्मा शुमार करते हैं। अनुभव शर्मा देश के उच्चकोटि के कवियों में गिने जाते हैं जिनकी उपस्थिति ही मंच को गरिमा प्रदत्त कर देती है। आइये एक भेंट करते हैं ऐसे शानदार कवि से.…।


21 March 2019

हाथों में लेकर गुलाल आई है || कवि अनुभव शर्मा || holi Special || Kavi An...

Posted by Kavi Anubhav Sharma at 13:02 No comments:
Email ThisBlogThis!Share to XShare to FacebookShare to Pinterest

वो प्रेम का रंग साथ लाई है।। कवि अनुभव शर्मा।।Wo Prem Ka Rang Sath Layi ...

Posted by Kavi Anubhav Sharma at 09:16 No comments:
Email ThisBlogThis!Share to XShare to FacebookShare to Pinterest

20 March 2019

Holi Special Shayari - Hatho Me Lekar Gulal Aayi Hai - Kavi Anubhav Shar...

Posted by Kavi Anubhav Sharma at 16:10 No comments:
Email ThisBlogThis!Share to XShare to FacebookShare to Pinterest

हाथों में लेकर गुलाल आई है - कवि अनुभव

हाथों में लेकर गुलाल आई है,
मन में आज मलाल लाई है,
सफ़ेद चुनर रंगवाने मुझसे,
वो प्रेम का रंग साथ लाई है।
© कवि अनुभव शर्मा 




Posted by Kavi Anubhav Sharma at 10:18 No comments:
Email ThisBlogThis!Share to XShare to FacebookShare to Pinterest
Newer Posts Older Posts Home
Subscribe to: Posts (Atom)

Search This Blog

About Kavi Anubhav Sharma

Kavi Anubhav Sharma
View my complete profile
  • Home
  • Kavi Anubhav Images
  • GALLERY




Kavi Anubhav's Blog

  • ►  2025 (1)
    • ►  April (1)
  • ►  2022 (6)
    • ►  September (2)
    • ►  July (1)
    • ►  May (1)
    • ►  April (1)
    • ►  January (1)
  • ►  2021 (5)
    • ►  February (1)
    • ►  January (4)
  • ►  2020 (10)
    • ►  December (2)
    • ►  October (5)
    • ►  September (1)
    • ►  June (1)
    • ►  February (1)
  • ▼  2019 (24)
    • ►  September (1)
    • ►  August (2)
    • ►  July (4)
    • ►  June (2)
    • ►  May (2)
    • ►  April (3)
    • ▼  March (4)
      • हाथों में लेकर गुलाल आई है || कवि अनुभव शर्मा || h...
      • वो प्रेम का रंग साथ लाई है।। कवि अनुभव शर्मा।।Wo P...
      • Holi Special Shayari - Hatho Me Lekar Gulal Aayi H...
      • हाथों में लेकर गुलाल आई है - कवि अनुभव
    • ►  February (6)
  • ►  2018 (8)
    • ►  October (1)
    • ►  August (5)
    • ►  March (1)
    • ►  February (1)
  • ►  2017 (36)
    • ►  October (6)
    • ►  September (2)
    • ►  August (28)

Popular Posts

  • श्री गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनायें
    श्री गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनायें प्रथमेश्वरम लम्बकर्णम सुरेश्वरम च गजाननम, एकदंष्ट्रम अनन्तचिदरुपम यशस्करम च गजाननम। शुभगुणकानन...
  • मेरी तन्हाइयों में तेरी याद का सैलाब कुछ यूँ आया - कवि अनुभव शर्मा
    मेरी तन्हाइयों में तेरी याद का सैलाब कुछ यूँ आया, तू जब बीते हुए लम्हे-सा मेरे सामने आया, मुस्कुराकर सनम ने नजर फेरली हमसे जब, लगा पुराने ज...
  • मेहंदी की जगह मैंने लहू निचोड़ दिया। अनुभव शर्मा
     अपने नाम में मेरा नाम जोड़ दिया, फिर जाने क्यों ये रिश्ता तोड़ दिया। जा चुके हैं अब सभी मेरी जिंदगी से , हैरत तो तब हुई जब तूने छोड़ दिया। ...
  • नींद से क्या शिकवा.....................
    Neend Se Kya Shiqwa Jo Aati Nahi Raat Bhar, Kasoor Toh Unke Chehre Ka Hai Jo Sone Nahi Deta. नींद से क्या शिकवा जो आती नहीं रात भर, कस...
  • ख्वाबों में मेरे वो घर करके बैठी है - कवि अनुभव शर्मा
    ख्वाबों में मेरे वो घर करके बैठी है, मेरे दिल से मुझे बेघर करके बैठी है, याद रखूं उसे या भूल जाऊँ, कुछ सलाह दो यारो, वो मेरे हाथों में जहर ...
  • वो खुश है - कवि अनुभव शर्मा
    हमें ठुकरा कर गर वो खुश है, तो हम शिकायत किस से करें। अपनी ही ज़िन्दगी हो गयी हो रुस्वा तो इनायत किस से करें। बेवफ़ा गर वो है, तो हम व...
  • कोई दूर हो जाता है............
        कोई दूर हो जाता है मुझसे तो कोई बिछड़ जाता हैं दर्द को आघोश में लिए, मेरा हर साल आता हैं !   कवि : श्री अनुभव शर्मा     
  • अनपढ़ लुगाई
    अनपढ़ लुगाई के हाथों बरबाद हो गया में तो शादी की पहली ही रात देवदास हो गया मैंने कहा उससे हाउ आर यू? जवाब मिला मैं लालचंद की छोरी हूँ मैंन...
  • हमारे सुहाग की वो रात...........
    कैसी थी वो रात कुछ कह सकता नहीं मैं चाहूँ कहना तो बयां कर सकता नहीं मैं , दुल्हन बन के मेरी जब वो मेरी बाँहों में आयी थी सेज सजी थी फूलों क...
  • ज़र्रे को आफताब होना था................
    हुस्न को बे-हिज़ाब होना था शौक़ को कामयाब होना था हिजर में कैफ-ऐ-इज़्तेराब न पूछ खून -ऐ -दिल भी शराब होना था तेरे जलवों पे मर मिट गए आखिर ज़र्र...

Contact Form

Name

Email *

Message *

We are here

Copyright : Kavi Anubhav Sharma, 2020 ©. Picture Window theme. Powered by Blogger.