वो जो खुद को मुझसे दूर कर रहा है,
पागल हैं जिस्म पर गुरूर कर रहा है।
ना आसमां से उतरी ना कोई शहजादी हैं,
ये इश्क़ है मेरा जो उसको हूर कर रहा हैं।
तेरे हर ख्याल को शब्दों में पिरो रहा हूँ,
ये तेरा नाम है जो मुझे मशहूर कर रहा हैं।
खानदानी रईसी पर बहुत इतराता था,
जो आज सबको जी-हुजूर कर रहा हैं।
*© अनुभव शर्मा*
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